भाेपाल में कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में प्लॉट की रजिस्ट्री से पहले अब सहकारिता विभाग का क्लीयरेंस जरूरी

जिन सोसायटियों की जांच हो रही हैं, उनकी शिकायतों का समाधान करना है। कई ऐसी शिकायतें मिली हैं जिनमें लोगों ने यह जानकारी दी कि सोसायटी में मेंबर नहीं होने के बाद अन्य किसी व्यक्ति ने प्लॉट खरीद लिया है और वह रजिस्ट्री कराना चाहता है। ऐसे में यदि संबंधित व्यक्ति प्लॉट की रजिस्ट्री करा लेगा तो सोसायटी के पीड़ित को न्याय नहीं मिल पाएगा। सहकारिता विभाग के उपायुक्त विनोद सिंह ने बताया कि सोसायटी में प्राथमिक सदस्य होने पर मेंबर लिस्ट में नाम है या नहीं, दिखाना होगा, तभी रजिस्ट्री होगी।



अब तक... 914 को प्लॉट दिलाने की कार्रवाई पूरी
प्रशासन ने शहर के 1000 पीड़ितों को प्लॉट दिलाने का लक्ष्य तय किया गया है। हालांकि अभी तक 914 लाेगाें काे प्लाॅट दिलाए जाने की कार्रवाई पूरी कर ली गई है। लेकिन तिलक हाउसिंग सोसायटी का टाइटल विवादित होने के चलते 212 लोगों को प्लॉट मिलना मुश्किल लग रहा है। ऐसे में अब सहकारिता विभाग पुरानी सोसायटियों का रिकॉर्ड खंगाल रहा है।


तत्काल प्रभाव से .. लागू कर दी है व्यवस्था
भोपाल के वरिष्ठ जिला पंजीयक प्रभाकर चतुर्वेदी- सहकारिता विभाग के उपायुक्त विनोद सिंह ने निर्देश दिए हैं कि विभाग के क्लीयरेंस के बाद ही हाउसिंग सोसायटियों के प्लॉट की रजिस्ट्री करें। इस बारे में सभी सब रजिस्ट्रारों  को निर्देश दे दिए गए हैं। हमने तत्काल प्रभाव से ही यह व्यवस्था रजिस्ट्री दफ्तर में लागू कर दी हैं।


 


उदाहरण से समझें... किसलिए लागू की है यह व्यवस्था 


तुलसी सोसायटी का गठन 1982 में हुआ है। इसमें 400 सदस्य हैं, लेकिन अध्यक्ष ने सिर्फ 300 लोगों की ही प्लॉट की रजिस्ट्री कराई है। इसमें से 100 लोग ऐसे हैं जिन्होंने रुपए के आभाव में अब तक  रजिस्ट्री नहीं कराई। इस दौरान गड़बड़ी कर कई प्लॉट गैर सदस्यों को बेचकर उनकी रजिस्ट्री करा दी गई और सदस्यता क्रमांक भी बदल दिया है। माफियामुक्त अभियान के तहत अब सरकार सोसायटी में पात्र लोगों को जमीन का मालिकाना हक दिलाना चाहती है। लेकिन अचानक से गैर सदस्य प्लॉट की रजिस्ट्री कराने पहुंच रहे हैं। उन्हें आशंका है कि उनका प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं हुई तो दिए गए रुपए डूब जाएंगे। चूंकि प्राथमिक सदस्य को वरियता क्रम के हिसाब से प्लॉट देना है, यदि ऐसे में गैर सदस्य रजिस्ट्री करा लेगा तो वास्तविक सदस्य को प्लॉट नहीं मिल पाएगा। इसी फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए यह व्यवस्था लागू की गई है। 


बेहतर काम करने वाली 100 सोसायटी बनेंगी मॉडल


प्रदेश में काे-ऑपरेटिव साेसायटियाें में हुए घाेटाले और सोसायटी माफियाओं के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के बीच सहकारिता विभाग सुपर 100 सोसायटियों को उनके बेहतर काम के लिए इस ग्रुप में शामिल करेगा। ये ऐसी सोसायटियां हैं जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में बेहतर काम किया है। इसी के साथ खराब प्रदर्शन करने वाली सोसायटियों को सुपर 100 के काम को फॉलो करना होगा। सहकारिता के अंतर्गत करीब 50 हजार सोसायटियां हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही हैं। सहकारिता विभाग के आयुक्त एमके अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में बहुत सी सोसायटियां हैं जो बहुत अच्छा काम कर रही हैं। इनमें से 100 सोसायटियाें का चयन करेंगे। इनके कामों को अन्य सोसायटियों के संचालकों के समक्ष रखेंगे ताकि वे भी इसका अनुसरण करें। 15 अगस्त को इनका सम्मान भी करेंगे।