एक बार फिर खुश हो जाइए, क्योंकि स्वच्छ सर्वे की कड़ी का एक मुकाम राजधानी ने हासिल कर लिया है। क्योंकि फिर से एक बार ओडीएफ डबल प्लस का तमगा जाे मिल गया है। इस तमगे के लिए पूरे 500 अंक राजधानी को मिले हैं। इसका पैमाना यह है कि शहर के 25 प्रतिशत पब्लिक टॉयलेट मेंं एग्जीक्यूटिव क्लास और बाकी में सामान्य सुविधाएं हों। सीवेज नेटवर्क दुरुस्त हों। पब्लिक टॉयलेट की जानकारी ऑनलाइन मिले।
लेकिन हकीकत इससे जुदा है। क्योंकि शहर में ये मापदंड पूरे नहीं दिखाई देते। क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) की टीम अभी जांच करे ताे ओडीएफ प्लस का तमगा मिलना भी मुश्किल होगा। यानी हमें 300 अंक लाने के लिए भी मशक्कत करना होगी। क्योंकि पब्लिक टॉयलेट्स में एग्जीक्यूटिव क्लास सुविधा मिलना तो दूर, वहां ठीक तरह से सफाई तक नहीं हो पा रही है।
टीम के दौरे के वक्त निगम ने कर ली थीं व्यवस्थाएं
शहरी विकास मंत्रालय की ओर से बुधवार काे जारी की गई रिपाेर्ट में भाेपाल काे 500 में से 500 अंक मिले हैं। ये रिजल्ट जनवरी में की गई क्यूसीआई की जांच रिपाेर्ट के आधार पर जारी किया गया है। इसमें हैरानी इसलिए नहीं हाेनी चाहिए क्याेंकि निगम अमले ने क्यूसीआई के दाैरे के समय टॉयलेट्स में एग्जीक्यूटिव क्लास व्यवस्थाएं मुहैया कराई थीं। जांच के दाैरान जाे व्यवस्थाएं देखीं उसकी रिपोर्ट दिल्ली भेजी उसी के आधार पर शहर काे ओडीएफ डबल प्लस मिला है।
हालांकि अच्छी रैंंक दिलाने में होगा मददगार
ये 500 अंक स्वच्छ सर्वेक्षण में अच्छी रैंक दिलाने में मददगार साबित हाेंगे। दरअसल, ये अंक स्वच्छ सर्वेक्षण के कुल छह हजार अंक के में से ही हैं।
एक भी पंप हाउस और एसटीपी पूरी क्षमता से नहीं कर रहा काम
शहर में एक भी पंप हाउस और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहा है। इसकी वजह नेटवर्क नहीं बनना अाैर जहां बना था वहां क्षतिग्रस्त हाेना है। ऐसे में नालों की गंदगी बिना ट्रीटमेंट के बड़े तालाब, छाेटे तालाब और शाहपुरा तालाब जैसे जलस्रोतों में मिल रहा है।
इस बार मुश्किलें ज्यादा थी
पिछले तीन सालाें के मुकाबले इस साल का ओडीएफ डबल प्लस ज्यादा मुश्किल रहा। क्याेंकि जनवरी से पहले दिसंबर में भी क्यूसीआई की टीम यहां आई थी। टीम ने जब जांच की ताे नगर निगम के दावाें के मुताबिक शहर की सीवेज व्यवस्था नहीं मिली थी। क्यूसीआई की टीम ने यही रिपाेर्ट शहरी विकास मंत्रालय काे साैंपी थी। अगर उसी रिपाेर्ट के आधार पर आंकलन हाेता ताे यह तमगा छिन सकता था। लेकिन, शहरी विकास मंत्रालय ने भाेपाल का पिछले सालाें का रिकाॅर्ड देखते हुए दाेबारा सर्वे कराया था।
टॉयलेट में गंदगी, फीडबैक मशीन भी बंद
नया बसेरा स्थित पब्लिक टॉयलेट में गंदगी है। यहां हाथ धाेने के लिए वाॅश बेसिन तक नहीं है। हैंडवाश और ताैलिया ताे भूल ही जाइए। यहां लगाई गई सेनेट्री वेंडिंग मशीन में पेड नहीं हैं। फीडबैक मशीन का बिजली कनेक्शन भी कटा हुआ है। केयर टेकर की मानें ताे सफाई करने वाला दिन में सिर्फ एक बार वाे भी दाेपहर तीन बजे आता है।
ये रिजल्ट तो उम्मीदों के मुताबिक आया
नगर निगम कमिश्नर बी विजय दत्ता- रिजल्ट उम्मीदाें के मुताबिक ही है। शहर काे ओडीएफ डबल प्लस का दर्जा मिला है। इसमें नगर निगम अमले के साथ ही शहर की जनता का अहम याेगदान है। वाटर प्लस का रिजल्ट अभी आना है।